CLIMATE
पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय
भारत सरकार
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय
29-नवंबर-2017 19:19 IST
भारत जैसे देशों के लिए प्रौद्योगिकी और वित्त महत्वपूर्ण है, जिससे
जलवायु परिवर्तन और विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है: डॉ.
हर्षवर्धन
पर्यावरण मंत्री ने आईएफसी क्लाइमेट बिजनेस फोरम 2017 को संबोधित किया
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने है एक
बार फिर इस बात पर बल दिया कि गरीबी से लाखों लोगों को बाहर निकालने की
जिम्मेदारी और जीवन स्तर सुधारने में प्रौद्योगिकी और वित्त, भारत जैसे
देशों के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे जलवायु परितर्वन तथा विकास से जुड़ी
आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। भारत व्यावहारिक, कार्यान्वित करने
लायक, हरित और जनता के अनुकूल मॉडल प्रदर्शित करने के लिए तैयार है, जिसका
अनुकरण विश्व में किसी भी क्षेत्र में किया जा सकता है, के बारे में बताते
हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इससे जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत की
प्रतिबद्धता स्पष्ट नजर आती है। ‘अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम व्यापार
मंच 2017-हरित विकास की ओर अग्रसर’ पर आज यहां आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम
में अपने संबोधन में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि विश्व भर के सभी वर्ग के लोग
इस ग्रह और विश्व की सुरक्षा के लिए एक सोच, एक विजन और एक दृष्टिकोण के
साथ जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक मंच पर एकत्रित हुए
हैं। पर्यावरण मंत्री ने आईएफसी क्लाइमेट बिजनेस फोरम 2017 को संबोधित किया
जलवायु परितर्वन के मुद्दे पर वित्तीय संस्थानों के लोगों के एकजुट होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पर्यावरण मंत्री ने सरकार की ओर से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन के अभियानों के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। डॉ. हर्षवर्धन ने प्रधानमंत्री के वर्ष 2022 तक नये हरित भारत की कल्पना और विजन के बारे में बताया। स्वच्छ वायु, जल और रहने लायक वातावरण के बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विचारों का हवाला देते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए भारत में पर्यावरण की रक्षा करना और न्याय सुनिश्चित करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी मानी जाती है।
मंत्री महोदय ने बल दिया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पेरिस समझौते के मौलिक हिस्से के रूप में ‘जलवायु न्याय और सतत जीवन शैली’ के विचार को आगे बढ़ाने सहित जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए कई कदम उठाए हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन राजनीति के बारे में नहीं बल्कि एक नैतिक प्रतिबद्धता है। मंत्री महोदय ने कहा कि वैश्विक उत्सर्जन के औसत की तुलना में भारत का उत्सर्जन लगभग एक तिहाई है और कार्बन डाईऑक्साइड स्टॉक मात्र लगभग तीन प्रतिशत होने के बावजूद भारत ने अपनी महत्वकांक्षी इन्टेंडेड नेशनली डिटरमाइंड कांट्रीब्यूशनंस (आईएनडीसी) की घोषणा की है।
दो दिवसीय आईएफसी क्लाइमेट बिजनेस फोरम 2017 को क्लाइमेट स्मार्ट परियोजनाओं के लिए जानकारी के आदान-प्रदान तथा नवाचार के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने के मंच के रूप में तैयार किया गया है।
No comments:
Post a Comment