लेखक: अरुण तिवारीगौर
कीजिए कि भारत में पांच साल से कम 48 फीसदी बच्चे अल्पविकसित हैं। 70
फीसदी किशोरियां खून की कमी की शिकार हैं। मोटापा, रक्तचाप और मधुमेह युवा
वर्ग को तेजी से चपेट में लेती बीमारियां हैं।
चौथे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण का यह नतीजा मां-बाप को डराता
है। इस कुपोषण का प्रतिबंधित रसायन के इस्तेमाल से संबंध है। गंदे नाले के
पानी से उगाई हुई सब्जियां, रंगी हुई सब्जियां, कीटनाशकयुक्त फल-दूध,
मिलावटयुक्त मसाले !
हम सुनकर डरते हैं
कि पोषण के नाम पर क्या खायें, क्या न खायें। कितना भी खिलाइये, बच्चे
कुपोषित होंगे ही। हम चिंतित हैं, लेकिन शासन-प्रशासन कुपोषण और प्रतिबंधित
रसायन अंतर्संबंध पर ऐसे चुप्पी मारे रहता है, जैसे हमारी चिंता से चिंतित
होना उसका काम ही न हो। आखिरकार क्यों ?
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